NTT Bharti को रिकोग्नाइज्ड संस्थान से डिप्लोमा जरूरी, Pri Nursery Teacher भर्ती में निकला बीच का रास्ता
CM जयराम ठाकुर के निर्देश के बाद प्री नर्सरी टीचर भर्ती को लेकर बीच का रास्ता निकल गया है। रविवार को मुख्यमंत्री से मिले निर्देशों पर शिक्षा सचिव डा. रजनीश ने सोमवार को प्रारंभिक शिक्षा विभाग के साथ इस बात पर चर्चा की है।
इसके बाद संशोधित ड्राफ्ट बन रहा है, जिसमें इस भर्ती को शुरू करने के लिए बीच का रास्ता निकल आया है। शिक्षा सचिव ने मुख्य सचिव राम सुभग सिंह को भी सारी अपडेट दे दी है। हालांकि आगामी कैबिनेट की बैठक में यह मामला आएगा या नहीं, इस पर अभी संशय है। तय हुआ है कि प्री नर्सरी टीचर्स की भर्ती में शुरुआत उन एनटीटी डिप्लोमा धारकों से होगी, जिन्होंने रिकोग्नाइज्ड संस्थानों से सर्टिफिकेट लिया है।
जहां तक एक साल के डिप्लोमा का सवाल है, तो इस बारे में एनसीटीई से वन टाइम छूट के लिए राज्य सरकार आवेदन करेगी। यह भी लगभग साफ है कि प्री नर्सरी टीचर भर्ती में 30 फीसदी पद आंगनबाड़ी वर्कर्ज को मिलेंगे। एनटीटी के विरोध के बावजूद इन्हें यह पद इसलिए दिए जा रहे हैं, क्योंकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी और प्री नर्सरी टीचिंग को को-लोकेट करने के निर्देश हैं। इसलिए हिमाचल सरकार भी मिक्स फॉर्मेट में प्री नर्सरी टीचिंग को शुरू करेगी। धर्मशाला में हुए मुख्य सचिवों के सम्मेलन से लौटने के बाद शिक्षा सचिव डा. रजनीश ने सोमवार को प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक डा. पंकज ललित से भी बैठक की और मुख्यमंत्री से आए निर्देशों पर चर्चा हुई। इसके बाद मुख्य सचिव स्तर पर भी सारी अपडेट दे दी गई है, ताकि इस भर्ती को शुरू करने को लेकर और समय न गंवाना पड़े।
गौरतलब है कि प्री नर्सरी भर्ती के लिए लगभग 4700 टीचर नियुक्त करने की अनुमति समग्र शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड से मिल चुकी है। इसका बजट भी भारत सरकार दे रही है, पर भर्ती की नीति फाइनल न होने के कारण इस भर्ती में देरी हो रही है। प्री नर्सरी टीचर्स की भर्ती आर एंड पी नियमों के बजाए आउटसोर्स के तहत हो सकती है, क्योंकि चुनाव से पहले इतनी लंबी प्रक्रिया को पूरा करने का वक्त नहीं है।
प्रधान सचिव शिक्षा डा. रजनीश ने बताया कि मुख्यमंत्री से मिले निर्देशों के बाद हम बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं और बहुत जल्दी भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।